BitCoin kya hai ? |Bit Coin कैसे काम करता है |
Introduction:
BitCoin kya hai: बिट कॉइन 2009 में बनाया गया था। इसे बनाने वाले का नाम Satoshi Nakamoto है। लेकिन अभी तक किसी के पास कोई सबूत नहीं है की यही इंसान ने बिट कॉइन बनाया |
Satoshi Nakamoto के बिटकॉइन लाने के २ वजह थे पहला ट्रांसेक्शन के बिच से मीडिएटर को निकालना जब भी हम कोई ऑनलाइन ट्रांसेक्शन करते है तो बिच में बैंक मीडिएटर होता है जो ट्रांसेक्शन चेक करती है की आपके अकाउंट में पर्याप्त पैसे है या नहीं और बाकि कुछ और जरूरत के चीज़े देख कर बैंक ट्रांसेक्शन को approved करती है |
बिट कॉइन दुनिया की पहली decentralized डिजिटल करेंसी है जो बिना किसी मीडिएटर के काम करता है | बिट कॉइन का कोई मालिक नहीं है ना कोई ऑथरिटी या गोवेर्मेंट का नियंत्रण है |
बिट कॉइन 2017 में अपने पिक पे गया था और 1 बिट कॉइन की price 15 लाख तक गया था और उसी टाइम पे भारत सरकार बिट कॉइन को बैन कर दिया था RBI ने सभी banks को निर्देस दिया था की वो बिट कॉइन exchange के साथ transaction को मंजूरी न दे जिसके बाद से बिट कॉइन पूरी तरह से भारत से ख़तम हो गया था और बिट कॉइन की price बहुत तेजी से निचे गिरा |
हालाकि दुसरे देशो के बिट कॉइन exchange से हम बिट कॉइन buy कर सकते है लगभग 1600 से जायदा crypto-currencies market में है जिसमे बिट कॉइन सबसे popular और high price है |
कैसे काम करता है बिट कॉइन :
बिट कॉइन peer to peer नेटवर्क पे काम करता है जिससे बिट कॉइन का लेन देन डायरेक्ट होता है आप जिसको बिट कॉइन ट्रांसफर कररहे है उसे डायरेक्ट ट्रांसफर होगा बिच मे कोई मीडिएटर नहीं होगा |
जब भी हम क्रेडिट कार्ड या bank ट्रान्सफर करते है banks 1-2 % चार्ज करती है लेकिन बिट कॉइन में fee बहुत ही कम होता केवल exchange ही थोड़े अमाउंट चार्ज करते है |
बिट कॉइन में address होता है जैसे हमारे bank account के नंबर होते है उसी address पे बिट कॉइन ट्रान्सफर करते है बिट कॉइन address में private key और public key होता है जब भी हम बिट कॉइन ट्रांसफ़र करते है उसके साथ digital signature generate होता है उसकी मदद से nodes उस transaction को verify करते है nodes मतलब कंप्यूटर जो बिट कॉइन नेटवर्क से जुड़े होते है | जितना बिट कॉइन भेजते है nodes , digital signature की मदद से verify करता है उतने बिट कॉइन आपके पास है या नही |
बिट कॉइन में block chain टेक्नोलॉजी यूज़ होता है जैसे कोई व्यापारी अपने सारे transaction का डिटेल्स बही खाते में रखता है वैसे ही बिट कॉइन के सारे transaction details block chain में सेव होते है जिसे public ledger कहते है | इन्ही टेक्नोलॉजी के वजह से बिट कॉइन ज्यादा secure है |
next post में जानेगे बिट कॉइन या किसी की crypto-currencies में इन्वेस्ट करना सही रहेगा या नही इसके रिस्क फैक्टर क्या है | हमारा newsletter सब्सक्राइब करले आपके ईमेल की मदद से जब भी हम न्यूज़ post डालेगे आपको मेल किया जायेगा |